सोमवती अमावस्या आज, जानें इसका महत्व और पूजन विधि : 2020
आज मार्गशीर्ष की सोमवती अमावस्या मनाई जा रही है. जो अमावस्या सोमवार के दिन पड़ती है उसे सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya 2020) कहते हैं. सोमवती अमावस्या का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. इस दिन चंद्रमा के दर्शन नहीं होते हैं. सुहागिन स्त्रियां अपने पति की लंबी उम्र के लिए सोमवती अमावस्या का व्रत रखती हैं. मार्गशीर्ष की अमावस्या के दिन पितरों की शांति के लिए तर्पण, स्नान और दान-धर्म जैसे कार्य किए जाते हैं. आज साल की अंतिम सोमवती अमावस्या है.
मार्गशीर्ष सोमवती अमावस्या पूजा विधि
इस दिन किसी पवित्र नदी, तालाब या कुंड में स्नान करें और सूर्य देव को अर्घ्य दें. गायत्री मंत्र का पाठ करें. इसके बाद भगवान शिव की पूजा करें. पितरों का तर्पण करें और उनके मोक्ष की कामना करें. पूजा-पाठ के बाद किसी जरूरतमंद को भोजन और वस्त्र का दान करें. इस दिन देवी लक्ष्मी का पूजन करना भी शुभ माना जाता है. सोमवती अमावस्या के दिन सुहागिन स्त्रियां पीपल की पूजा करती हैं. सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना करके कमजोर चंद्रमा को बलवान किया जा सकता है.
मार्गशीर्ष सोमवती अमावस्या का महत्व
सोमवती अमावस्या का संयोग साल में 2-3 बार ही बनता है. पितरों के तर्पण के लिए मार्गशीर्ष अमावस्या का बहुत महत्व माना जाता है. इस दिन पितरों का पूजन करने से उनका आशीर्वाद मिलता है और उनकी आत्मा को शांति मिलती है. माना जाता है कि जो भी व्यक्ति ये व्रत रखता है उसके जीवन में कोई समस्या नहीं आती है और सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है.
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