मध्य प्रदेश: ग्वालियर: 10 दिन में 7 बार धंसी सिंधिया महल के पास की सड़क, बारिश ने खोल दी करोड़ों रुपए के घटिया निर्माण की पोल
मध्य प्रदेश का स्मार्ट सिटी कहलाने वाला शहर ग्वालियर इन दिनों जर्जर सड़कों के चलते चर्चा में है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के महल से 500 मीटर दूर कुछ दिनों पहले सड़क बनी, जो चार बारिश भी नहीं झेल सकी। सड़क का यह हाल भ्रष्टाचार और बदइंतजामी की पोल खोल रहा है। यह सड़क एक महीने पुरानी है और बीते 10 दिनों में 5 से 7 बार धंस चुकी है। अब तो इस सड़क में जगह जगह इस तरह के गड्ढे हो गए हैं मानो सड़क के नीचे किसी ने सुरंग बना दी हो।
दरअसल, ज्योतिरादित्य सिंधिया के महल रोड का निर्माण हाल ही में 19 करोड़ रुपये के वॉटर ड्रेन प्रोजेक्ट के तहत कराया गया था। इस परियोजना में माधव नगर से चेतकपुरी के बीच लगभग 4.30 करोड़ रुपये की लागत से नई सड़क को बनाया गया। शुरुआत में शहरवासियों को उम्मीद थी कि अब जलभराव और खराब सड़क की समस्या से राहत मिलेगी, लेकिन पहली ही बारिश ने सारी योजनाओं की पोल खोल दी।
मानसून भी पूरा नहीं झेल सका
स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया है। काम में लापरवाही बरती गई है। इस सड़क पर कुछ महीने पहले ही पाइपलाइन बिछाई गई थी, जिससे यातायात करीब 6 महीने तक बाधित रहा। बावजूद इसके नतीजा ऐसा निकला कि सड़क दोबारा बनने के बाद भी एक पूरा मानसून नहीं झेल सकी और धंस गई।
कलेक्टर ने दिया जांच का आदेश
सड़क की हालत और लोगों की शिकायतों को देखते हुए ग्वालियर की कलेक्टर रूचिका सिंह चौहान का कहना है कि चेतकपुरी रोड का एक मामला संज्ञान में आया है। जिसके लिए आयुक्त नगर निगम को निर्देशित किया गया है। उसका कोर कटिंग कर एक बार सैंपल लैब के लिए जरूर भेजा जाएगा। ताकि पता लग सके कि किस मानक का मैटेरियल इस्तेमाल किया गया है। और किस लेवल पर लापरवाही हुई है जांच के बाद यह भी सामने आ जाएगा। जिसके बाद कार्रवाई की जाएगी।
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