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Friday, January 24, 2025

राजस्थान: अजमेर दरगाह में शिव मंदिर मामले में हुई सुनवाई, जानें आज कोर्ट में क्या हुआ?

राजस्थान: अजमेर दरगाह में शिव मंदिर मामले में हुई सुनवाई, जानें आज कोर्ट में क्या हुआ?

राजस्थान की विख्यात अजमेर दरगाह में शिव मंदिर होने के दावे वाली याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। इस दौरान एक वकील को धमकी भी मिली। उधर, कोर्ट में वादी विष्णु गुप्ता के वकील ने अपना जवाब पेश किया। इसके बाद दरगाह पक्ष की ओर से जवाब देने के लिए समय मांगा गया। अब अगली सुनवाई पर में दरगाह कमेटी अपना पक्ष रखेगी। इसके अलावा, वन 10 मामले में सुनवाई नहीं हुई, वादी ने और समय मांगा है। शुक्रवार को 6 नए लोगों ने मामले में पक्षकार बनने के लिए अर्जी भी दी है।

वकील को सुनवाई में आने पर गोली मारने की धमकी

अजमेर की दरगाह में शिव मंदिर होने के दावे वाली याचिका पर शुक्रवार को अदालत में बहस हुई। इस मामले में एक नया मोड़ तब आया जब एक वकील को जान से मारने की धमकी मिली। यह धमकी कोर्ट के बाहर एक व्यक्ति ने दी, जिसने खुद को मीडियाकर्मी बताया था। उसने वकील से कहा कि अगर वह सुनवाई के दौरान कोर्ट में आया तो उसे गोली मार दी जाएगी।

शुक्रवार को कोर्ट में क्या हुआ‌? समझें

दरगाह कमेटी ने कोर्ट में एक अर्जी लगाई है। इस अर्जी में उन्होंने मांग की है कि शिव मंदिर होने के दावे वाली याचिका को खारिज कर दिया जाए। कमेटी का कहना है कि यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। इस पर अदालत ने वादी विष्णु गुप्ता से जवाब मांगा। विष्णु गुप्ता ने अपना जवाब अदालत में पेश कर दिया है। अब इस जवाब पर दरगाह कमेटी को अपना पक्ष रखना है, जिसके लिए उन्होंने अदालत से समय मांगा है। अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख तय कर दी है।

वन 10 मामले में नहीं हो सकी सुनवाई

वन 10 मामले में आज सुनवाई होनी थी, लेकिन यह नहीं हो पाई। इस मामले के वादी विष्णु गुप्ता ने अदालत से और समय मांगा है। विष्णु गुप्ता का कहना है कि मंदिर के दावे वाली याचिका को खारिज करने के लिए जो याचिका (711) लगाई गई है, उसे खारिज किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अजमेर दरगाह में मंदिर होने के कई सबूत उन्होंने कोर्ट के सामने पेश किए हैं। उनका यह भी तर्क है कि यहां वर्शिप एक्ट लागू नहीं होता, क्योंकि यह पूजा पद्धति का स्थान नहीं है। विष्णु गुप्ता के अनुसार, वर्शिप एक्ट में केवल मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर और गुरुद्वारा ही आते हैं। दरगाह या कब्रिस्तान का वर्शिप एक्ट में कोई जिक्र नहीं है।

इन लोगों ने पक्षकार बनने के लिए दी अर्जी

दरगाह में हिंदू मंदिर के दावे के मामले में पक्षकार बनने के लिए छह नए लोगों ने अर्जी दाखिल की है। टोंक के कासिफ जुबेरी, पीर नफीस मिया चिश्ती खादिम, अजमेर के काजी मुन्नवर अली, अजमेर के प्रिंस सेन, अजमेर के आरिफ अली चिश्ती और किशनगढ़ के शेख जादा अजीम मोहम्मद ने अदालत में अर्जी लगाई है। इससे पहले भी पांच लोगों ने पक्षकार बनने के लिए अर्जी लगाई थी। अब तक कुल 11 लोग इस मामले में पक्षकार बनने की मांग कर चुके हैं। यह मामला लगातार नए मोड़ ले रहा है और आगे क्या होता है, यह देखना दिलचस्प होगा।
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