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Thursday, December 5, 2024

नई दिल्ली: आने वाला पल, जाने वाला है... दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को भावुक विदाई, आज बनेंगे SC के जज

नई दिल्ली: आने वाला पल, जाने वाला है... दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को भावुक विदाई, आज बनेंगे SC के जज 


गुलजार का गीत 'आने वाला पल, जाने वाला है..., हो सके तो इसमें जिंदगी बिता दो, पल ये भी जाने वाला है...', बुधवार को दिल्ली हाई कोर्ट के लिए भावुक पल की अभिव्यक्ति बन गया, जो अपने चीफ जस्टिस मनमोहन को विदाई देने के लिए कोर्ट नंबर वन में सिमटा हुआ था। सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में प्रमोट हुए जस्टिस मनमोहन ने इस गाने से अपनी भावनाएं सबके तक जरूर पहुंचा दीं। वह गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट जज के रूप में शपथ लेंगे।
जस्टिस मनमोहन की विदाई रेफरेंस में उनकी पत्नी, मां और बेटी भी शामिल हुईं। हाई कोर्ट के वकीलों के साथ इस कोर्ट के कुछ पूर्व जज भी उन्हें अपनी शुभकामनाएं देने के लिए वहां आए। इस दौरान चीफ जस्टिस मनमोहन भावुक हो गए। उन्होंने बेंच से जुड़े अपने अनुभवों को व्यक्त किया, जिस पर उन्होंने 6,000 से अधिक दिन बिताए। यह अपने आप में एक रिकॉर्ड बताया जा रहा है जो दिल्ली हाई कोर्ट में सबसे लंबे समय तक काम करने वाले जज के रूप में उन्हें हासिल हुआ।
एडिशनल सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने जस्टिस मनमोहन को दिल्ली का लड़का कहकर बुलाया और उनकी उपलब्धियों पर गर्व जाहिर किया। एएसजी ने कहा कि 'दिल्ली का लड़का' 6,142 दिनों के कार्यकाल के साथ हाई कोर्ट में सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाला जज रहा। चीफ जस्टिस मनमोहन ने अपने विदाई भाषण में कहा कि न्याय देना सिर्फ फैसला सुनाना नहीं है, बल्कि हरेक मामले के पीछे की मानवीय कहानियों, सहानुभूति, करुणा को समझना है। उन्होंने कहा कि न्याय एक निरंतर प्रक्रिया है और बेंच पर काम करते हुए मैंने हमेशा यह सुनिश्चित करने की कोशिश की है कि न्यायिक प्रणाली में जनता का विश्वास बढ़े।


शिक्षा-दीक्षा दिल्ली में हुई

जस्टिस मनमोहन दिवंगत जगमोहन के बेटे हैं, जो प्रसिद्ध ब्यूरोक्रेट से राजनेता बने, जिन्होंने पूर्व में जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल और दिल्ली के उपराज्यपाल के रूप में भी काम किया था। सुप्रीम कोर्ट के जजों के रिटायरमेंट की उम्र 65 साल है, जबकि हाई कोर्ट के जज 62 साल में पद छोड़ देते हैं। जस्टिस मनमोहन की पढ़ाई से लेकर शिक्षा-दीक्षा तक दिल्ली में हुई। यहीं से उन्होंने अपनी वकालत शुरू की और फिर हाई कोर्ट के जज बने।
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