नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव: OBC वोटर्स को साधने में जुटी BJP, 52 सम्मेलनों का प्लान
दिल्ली विधानसभा चुनावों की तैयारी में जुटी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 26 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी का लक्ष्य रखा है। इसके लिए पार्टी ने हरियाणा और महाराष्ट्र मॉडल को अपनाते हुए ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) वोटरों को गोलबंद करने की रणनीति बनाई है। ओबीसी और इसकी 52 उपजातियों को अपने पाले में कर बीजेपी ने हरियाणा में हारी हुई बाजी अपने पक्ष में कर ली थी। अब वही रणनीति दिल्ली में लागू की जा रही है। पार्टी ने 11 दिसंबर से ओबीसी समुदाय और उसकी उपजातियों के साथ बैठकें शुरू कर दी हैं। इसके अलावा 52 बड़े सम्मेलनों का भी आयोजन करने की योजना है।
दिल्ली की कुल जनसंख्या में 60% ओबीसी
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, पिछले लोकसभा चुनाव में ओबीसी वोटरों का समर्थन कमजोर पड़ने से बीजेपी सतर्क हो गई है। लोकसभा चुनाव में हरियाणा में ओबीसी जातियों के 44 प्रतिशत वोट बीजेपी को मिले थे, जो पिछले चुनाव के मुकाबले 29 प्रतिशत कम थे। वहीं, कांग्रेस ने 51 प्रतिशत ओबीसी वोट हासिल कर बढ़त बनाई थी। इसके बाद, हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने ओबीसी जातियों को एकजुट करने की रणनीति अपनाई। पार्टी ने मराठा ध्रुवीकरण के मुकाबले पिछड़ी जातियों को संगठित किया और राजनीतिक स्तर पर प्रयास तेज किए। इन प्रयासों का असर यह हुआ कि करीब 38 प्रतिशत पिछड़ी जातियों ने बीजेपी और उसके गठबंधन का समर्थन किया। इन सफलताओं से उत्साहित होकर पार्टी अब दिल्ली में भी इसी फॉर्म्युले को लागू करने पर काम कर रही है।
दिल्ली बीजेपी ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष सुनील यादव ने बताया कि दिल्ली में ओबीसी और उनकी उपजातियां कुल जनसंख्या का करीब 55-60 प्रतिशत हिस्सा हैं। दिल्ली के करीब 30 गांव यादव बहुल हैं, जबकि गुर्जर और जाट समुदायों के गांव भी बड़ी संख्या में हैं। अनधिकृत कॉलोनियों में माइग्रेटेड ओबीसी समुदायों की संख्या भी अधिक है। आम आदमी पार्टी (आप) अब तक ओबीसी वोटों के दम पर चुनाव जीतती रही है। इसे देखते हुए बीजेपी अब इस वर्ग को गंभीरता से साधने में जुट गई है।
बैठकों और सम्मेलनों का आयोजन
सुनील यादव ने बताया कि बीजेपी ने ओबीसी की एक-एक उपजाति के साथ बैठकें शुरू कर दी हैं। पहली बैठक 11 दिसंबर को प्रदेश कार्यालय में आयोजित हुई, जिसमें पाल और बघेल समुदाय के लोगों के साथ बैठक हुई। इस बैठक में केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल भी मौजूद रहे। 12 दिसंबर को सोनार और वर्मा समुदाय के साथ बैठक है। हर बैठक में संबंधित समुदायों के प्रमुख बीजेपी नेता शामिल हो रहे हैं। इस तरह से 50 से अधिक बैठेकें आयोजित करने का प्लान है। बाहरी दिल्ली के जीटी करनाल रोड पर भी ओबीसी समुदाय के लोगों के साथ सम्मेलन किया गया। कुल 52 बड़े सम्मेलन का प्लान है।
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