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Wednesday, December 11, 2024

उत्तर प्रदेश: लखनऊ: नगर निगम का कारनामा, पहले 21 लाख टैक्स बताया, शिकायत पर 10 लाख किया, सीएम योगी से गुहार

लखनऊ:  नगर निगम का कारनामा, पहले 21 लाख टैक्स बताया, शिकायत पर 10 लाख किया, सीएम योगी से गुहार 

नगर निगम लखऊ में ज्यादा हाउस टैक्स बकाये का नोटिस भेजकर इसे कम करने का चलन बढ़ता जा रहा है। आरोप है कि इसकी आड़ में धन उगाही हो रही है। ऐशबाग इलाके में अफसरों ने एक कारोबारी को 21 लाख रुपये बकाए का नोटिस भेज दिया। कारोबारी की आपत्ति पर इसे घटाकर 14 लाख किया। इस मामले में मंगलवार को भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य गौरव माहेश्वरी ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए सीएम, नगर विकास मंत्री, महापौर और नगर आयुक्त से लिखित शिकायत की। इसके बाद अफसरों ने टैक्स घटाकर 10 लाख कर दिया। ऐसे में नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने चीफ टैक्स ऑफिसर से पूरी रिपोर्ट मांगी है।
शिकायत के मुताबिक, ऐशबाग में स्टेशनरी कारोबार से जुड़े महेंद्र कौर को जोन-2 के अफसरों ने 25 अक्टूबर को 21,04,817 के हाउस टैक्स बकाये का नोटिस भेजा। इसके जवाब में उन्होंने बताया कि 77,908 एडवांस टैक्स जमा है, जिसके समायोजन के लिए आवेदन कर चुके हैं। इसके बाद अफसरों ने 6 दिसंबर को 14,88,024 हाउस टैक्स बकाए का बिल बनाया, जबकि व्यापारी ने सर्टिफाइड वैल्यूअर की टैक्स कैलकुलेशन रिपोर्ट भी लगाई थी।
परेशान महेंद्र ने भाजपा प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य गौरव माहेश्वरी से शिकायत की। गौरव स्टेशनरी विक्रेता एवं निर्माता एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने मंगलवार को सीएम, नगर विकास मंत्री, महापौर और नगर आयुक्त से इसकी शिकायत की। इसमें उन्होंने जोन 2 की जोनल अफसर शिल्पा कुमारी, टैक्स सुपरिंटेंडेंट ओम प्रकाश सोनी और रेवेन्यू इंस्पेक्टर कुलदीप चौधरी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।
इस मामले में जोन-2 की जोनल अफसर शिल्पा कुमारी का कहना है कि भ्रष्टाचार के आरोप पूरी तरह बेबुनियाद हैं। कारोबारी महेंद्र के कारखाने के हाउस टैक्स का साल 2024 तक असेसमेंट करने पर करीब 21 लाख रुपये का बकाया सामने आया। इस पर नोटिस भेजकर आपत्ति मांगी गई। कारोबारी ने बताया कि साल 2010 से 2014 तक केवल टिन शेड का निर्माण था। इस पर आवासीय श्रेणी में असेसमेंट किया गया। कारोबारी ने यह भी बताया कि साल 2015 से 2020 तक कारखाना पूरी तरह बंद रहा। इस पर 1994 से 2024 तक टैक्स रिवाइज कर जमा रकम समायोजित की गई तो करीब 10.50 लाख रुपये बकाया सामने आया। इसका बिल कारोबारी को दे दिया गया है। इस पर भी कोई आपत्ति आने पर फिर से असेसमेंट कर दिया जाएगा।
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