उत्तर प्रदेश: कानपुर: विकास दुबे की गैंग की तरह ही गुना के शिकारियों का सफाया, तीन ढेर और दो का शॉर्ट एनकाउंटर, कायम होगा खौफ?
कानपुर के बिकरू में विकास दुबे गैंग ने सात पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। इसके बाद गैंग के लोगों को कानपुर पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद एनकाउंटर में ढेर किया। विकास दुबे का एनकाउंटर तब हुआ था, जब उज्जैन से कानपुर ले जाते वक्त पुलिस की गाड़ी पलट गई। भागने के दौरान पुलिस ने उसे गोली मार दी। गुना में भी कुछ ऐसा ही हुआ है। गिरफ्तारी के बाद गुना पुलिस की गाड़ी पलट गई और दो आरोपियों का शॉर्ट एनकाउंटर किया गया है। इससे पहले दो आरोपियों को मार गिराया गया था। वहीं, मंगलवार की सुबह तीसरे आरोपी छोटू पठान उर्फ जहीर का भी एनकाउंटर कर दिया गया है।
गुना पुलिस बिकरू कांड के गुनाहगारों की तर्ज पर ही यहां शिकारियों का सफाया कर रही है। इसके बाद सवाल भी उठ रहे हैं। गुना कांड के आरोपियों के एनकाउंटर पर कोर्ट में याचिका लगाई गई है। मामले में जल्द ही सुनवाई होने वाली है। वहीं, गुना में तीन पुलिसकर्मियों की हत्या मामले में एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि अब तक तीन आरोपियों को मुठभेड़ में मारा गिराया जा चुका है, जबकि चार आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं और दो फिलहाल फरार चल रहे हैं।
मिश्रा ने कहा कि इस मुठभेड़ में पुलिस आरक्षक विनोद धाकड़ घायल हो गए और कुछ गोलियां पुलिस के वाहन में भी लगी हैं। दरअसल, जिला मुख्यालय से लगभग 60 किलोमीटर दूर आरोन थाना क्षेत्र के सागा बरखेड़ा गांव के पास शहरोक में शिकारियों के एक समूह ने 14 मई को तड़के तीन पुलिसकर्मियों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। शिकारियों में से अधिकांश एक ही परिवार के थे।
सोमवार को अन्य आरोपियों निसार खान (70) और उसके बेटे शाहराज खान (52) को गिरफ्तार किया गया। दोनों बिधौरिया गांव के रहने वाले हैं और उनके पास से मृतक पुलिसकर्मियों से छीनी गई सर्विस राइफल बरामद हुई है।
गौरतलब है कि 14 मई को तीन पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद बिधौरिया गांव में तलाशी ली गई थी। इस दौरान नौशाद खान (35) नामक व्यक्ति का शव मिला था, जिसके शरीर पर गोली लगने के निशान थे। खान कथित तौर पर पुलिसकर्मियों की जवाबी फायरिंग में मारा गया था। 14 मई की शाम को एक अन्य आरोपी शहजाद खान (38) पुलिस के साथ मुठभेड़ में ढेर हो गया था।
एक अधिकारी ने बताया था कि शानू और जिया खान ने रविवार को पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश की थी। इस दौरान पुलिस ने दोनों को रोकने के लिए उनके पैरों में गोली मारी थी।गौरतलब है कि गुना की घटना के बाद शिवराज सरकार ने पुलिसकर्मियों को फ्री हैंड दिए थे। साथ ही सरकार की तरफ से कहा गया था कि कार्रवाई ऐसी होगी, जो पूरे प्रदेश में नजीर बनेगी। इसके बाद ही यह स्पष्ट हो गया था कि गुना के आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। सीएम के निर्देश के बाद ही गुना के जंगलों में ऑपरेशन लॉन्च कर दिया गया था। पुलिस ने दावा किया है कि दो अन्य आरोपियों को भी हम जल्द ही गिरफ्तार कर लेंगे।
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