उत्तर प्रदेश: गाजियाबाद-करोड़ों रुपये खर्च, मॉनसून की पहली बारिश में जर्जर हुआ पीएम नरेंद्र मोदी का 'ड्रीम' दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे
पीएम नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी परियोजना दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के निर्माण में करोड़ों रुपये अभी तक खर्च हो चुके हैं। अब भी इस पर पैसे खर्च किए जा रहे हैं, लेकिन करोड़ों की लागत से बना यह एक्सप्रेसवे मॉनसून की पहली बारिश भी नहीं झेल पा रहा है।
यूपी गेट से डासना और डासना से मेरठ के बीच इस प्रॉजेक्ट में मॉनसून की पहली बारिश के बाद ही कई खामियां सामने आने लगी हैं। एनबीटी की टीम ने रविवार को दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे की पड़ताल की। इस दौरान कई जगह हमें पता चला कि कई जगहों पर ड्रेनेज सिस्टम के लिए बनाई गई नालियां पूरी तरह से टूट चुकी हैं।
नाली व रोड की दीवार धंसी
हमने एक्सप्रेसवे के रोड किनारे देखा तो मिला कि पानी निकलने के लिए बनाई गईं नालियां कई जगह टूट चुकी हैं। ऊंची सड़क पर मिट्टी के भराव को कवर करने के लिए बनाई गई दीवार भी कई जगह से धंस चुकी है। कई जगह कटाव की वजह से दीवार में दरार भी आ चुकी है। इससे अब लोगों के मन में डर सता रहा है कि कहीं सड़क धंस न जाए।
फिलहाल एनएचएआई के अधिकारियों का कहना है कि ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त किए जाने की कार्रवाई लगातार की जा रही है। जल्द ही इसे ठीक कर दिया जाएगा। मालूम हो कि यह एक्सप्रेसवे एक अप्रैल से पब्लिक के लिए खोला गया है। अभी इसका औपचारिक उद्घाटन नहीं हो सका है। अभी इस पर टोल भी नहीं लगाया गया है। एक्सप्रेसवे पर अभी चिपियाना के पास रेलवे लाइन के ऊपर 16 लेन का पुल तैयार किया जा रहा है। जिसकी वजह से पब्लिक को हर रोज वहां पर जाम का सामना करना पड़ता है।
पहले भी आ चुकी है दरार
इससे पहले भी हुई बारिश के दौरान एक्सप्रेसवे पर कई जगह पर दरार की शिकायत आई थी। जिसे बाद में एनएचएआई द्वारा ठीक करवाया गया है। कोलंबिया एशिया अस्पताल के पास बने फुट ओवरब्रिज के पास दिल्ली की ओर जाने वाली सड़क पर, लालकुआं के पास एनएच-9 को जोड़ने वाली एक्सप्रेसवे की सड़क, वेव सिटी के सामने के अलावा कई अन्य जगह पर इस तरह की दिक्कत आ चुकी है।
धंस चुकी है सर्विस लेन
महरौली गांव के ठीक सामने एक्सप्रेसवे की सर्विस लेन की सड़क जून महीने में हुई बारिश की वजह से धंस गई थी, लेकिन अधिकारियों का दावा था कि यहां पर पाइपलाइन डालने के लिए इसे खोदा गया था। लेकिन जब मामला उच्चाधिकारियों तक पहुंचा तो अगले दिन ही इसे गड्ढे को भरकर एनएचएआई के अधिकारियों ने ठीक करवाया दिया था।
अंडरपास में भर जाता है पानी
इस एक्सप्रेसवे को लेकर बने जितने भी अंडरपास है। उसमें अधिकांश में जलभराव की शिकायत आ रही है। लेकिन इससे निजात दिलाने के लिए एनएचएआई की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया गया है। डासना से मेरठ की तरफ जाने वाले एक्सप्रेसवे के दोनों किनारों पर बसे गांव के लोगों को बारिश के दिनों में बहुत अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जिन अंडरपास में जलभराव हो रहा है वहां पर एनएचएआई रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने की तैयारी कर रहा है।
यह कहते हैं एक्सपर्ट
जीडीए के रिटायर्ड एग्जिक्यूटिव इंजीनियर एस.एस. वर्मा बताते हैं कि मिट्टी की कटाव यदि लगातार जारी रहा तो सड़क नीचे बैठ सकती है। मिट्टी के कटाव को रोकने के लिए स्टोन की पिचिंग की जाती है। जिससे मिट्टी को बारिश के दौरान बहने से रोका जा सके। यदि यहां अभी पिचिंग नहीं की गई तो तत्काल यहां पूरे हिस्से में मिट्टी की पिचिंग कराने की जरूरत है।
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