उत्तर प्रदेश:मेरठ- एक मिस्ड कॉल दें और 20 दिनों में बोलने लगेंगे संस्कृत, यहां जानें हर डीटेल
एक मिस्ड कॉल से आप संस्कृत बोलना सीख सकते हैं। सुनने में अटपटा लग रहा होगा, लेकिन ये सच है। मेरठ कॉलेज में संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ. वाचस्पति मिश्र ने संस्कृत को जनभाषा बनाने के लिए एक अनूठी पहल की है। डॉ. वाचस्पति मिश्र का कहना है कि यह मिस्ड कॉल उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान का अभियान है। जो भी छात्र संस्कृत सीखने के इच्छुक हैं वो 9522340003 पर मिस्ड कॉल दे सकते हैं। इसके बाद एक फॉर्म भरकर वे संस्कृत की ऑनलाइन क्लास के लिए रजिस्टर्ड हो जाएंगे।
संस्थान के अध्यक्ष डॉ. वाचस्पति मिश्र ने बताया कि रोज एक घंटे की क्लास से केवल 20 दिनों में कोई भी संस्कृत बोलना और समझना सीख सकता है। जो भी छात्र इस नंबर पर मिस्ड कॉल देगा उस छात्र के मोबाइल में गूगल फॉर्म का लिंक पहुंच जाएगा। फॉर्म को भरते हुए छात्रों को समय चुनना होगा। जूम और गूगल मीट जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए कक्षाएं चलाई जा रही हैं। संस्थान किसी भी प्रकार की फीस नहीं ले रहा है।
अभियान में जुड़े 8 हजार से ज्यादा लोग
इस अभियान से अब तक अलग-अलग राज्यों में आठ हजार से ज्यादा लोग जुड़ चुके हैं। दरअसल संस्कृत के उत्थान में लगे डॉ. वाचस्पति मिश्र का जन्म मेरठ में हुआ है। मेरठ के सिवालखास विधानसभा क्षेत्र में भोला की झाल इलाके में चलने वाले प्रतिष्ठित गुरुकुल प्रभात आश्रम से मिश्र ने प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद डीयू से एम.फिल. और पीएचडी की है।
विदेशियों को भी जोड़ने की कोशिश
डॉ. वाचस्पति मिश्र ने बताया कि अब विदेशी छात्रों को भी संस्कृत विदेशी छात्रों को सक्षम बनाने के लिए वॉट्सऐप नंबर के माध्यम से एक हेल्पलाइन जारी की जाएगी। वाचस्पति मिश्रा ने कहा कि विदेशी छात्र न केवल संस्कृत की मूल बातें सीख सकेंगे, बल्कि शिक्षकों के एक अलग समूह द्वारा छंद, अनुष्ठान, आध्यात्मिकता भी दी जाएगी। देश के छात्रों के लिए भी छंद, अनुष्ठान का नया कोर्स शुरू करने की तैयारी पूरी है।
सिविल सेवा की भी करा रहे तैयारी
डॉ. वाचस्पति मिश्र ने संस्थान ने पिछले साल जुलाई से सिविल सेवा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को संस्कृत विषय की तैयारी कराने की योजना शुरू की है। जिन्होंने सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में संस्कृत को एक वैकल्पिक विषय के रूप में लिया है, वे इसमें शामिल हो सकते हैँ। एक बैच में 100 से ज्यादा छात्रों का चयन किया जाता है जिसमें से 50 को तीन हजार रुपये की स्कॉलरशिप भी दी जाती है। चयन परीक्षा के जरिए होता है। संस्थान से तैयारी करने वाले चार अभ्यर्थियों का अंतिम रूप से अलग-अलग सिविल सेवा परीक्षाओं में चयन हो चुका है।
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