मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की कुर्सी पर खतरे की खबरों को शिवसेना के सांसद संजय राउत ने निराधार बताया है। संजय राउत ने कहा, "यह अफवाह है कि शिवसेना के सीएम को 2.5 साल बाद बदल दिया जाएगा। जब तीन दलों ने सरकार बनाई, तो उन्होंने प्रतिबद्धता दिखाई और फैसला किया कि उद्धव ठाकरे ही 5 साल के लिए सीएम होंगे। अगर कोई इस बारे में बात करता है तो यह झूठ और अफवाह के अलावा कुछ नहीं है।"
शिवसेना के सांसद संजय राउत ने आरोप लगाया है कि जब पार्टी 2014 से 2019 के दौरान महाराष्ट्र में भाजपा के साथ सत्ता में थी, तब उससे ‘‘गुलामों’’ की तरह व्यवहार किया गया और उसे राजनीतिक तौर पर समाप्त करने की कोशिश की गईं। राउत ने शनिवार को उत्तरी महाराष्ट्र के जलगांव में शिवसेना कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘पूर्ववर्ती सरकार में शिवसेना का दोयम दर्जा था और उसे गुलाम समझा जाता था। हमारे समर्थन के कारण मिली ताकत का दुरुपयोग करके हमारी पार्टी को समाप्त करने की कोशिश की गई।’’
राउत का बयान ऐसे समय में आया है, जब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एवं शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कुछ दिन पहले मुलाकात की थी, जिसके बाद से राज्य में राजनीतिक अटकलों का बाजार गर्म था। मुख्यमंत्री पद के मुद्दे के कारण शिवसेना-भाजपा गठबंधन 2019 में टूट गया था। शिवसेना भाजपा के सबसे पुराने सहयोगियों में से एक थी। उसने बाद में महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस के साथ एक अप्रत्याशित गठबंधन कर सरकार बनाई।
राउत ने कहा कि उन्हें हमेशा लगता था कि महाराष्ट्र में शिवसेना का मुख्यमंत्री होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘भले ही शिव सैनिकों को कुछ नहीं मिला, लेकिन हम गर्व से कह सकते हैं कि राज्य का नेतृत्व शिवसेना के हाथ में है। महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार का (नवंबर 2019 में) इसी भावना के साथ गठन हुआ था।’’
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