कालरा पर मामला दर्ज करने के लिए ED ने 5 मई को दर्ज दिल्ली पुलिस की प्राथमिकी पर संज्ञान लिया था जब कुछ पुलिसकर्मियों ने कालरा के स्वामित्व वाले एवं उनसे जुड़े कुछ परिसरों एवं रेस्तरां में छापे मारे थे। पुलिस ने इन परिसरों से 524 से अधिक जीवनरक्षक मशीनें जब्त किए थे और यह आरोप लगाया था कि इनकी जमाखोरी की गई और इन्हें ब्लैक मार्केट में बेचा जा रहा था। कालरा ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया है कि इन सांद्रकों को नियमित बिक्री के लिए रखा गया था। नई दिल्ली की एक स्थानीय अदालत ने गुरुवार को उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।
ED को जानकारी मिली थी कि नवनीत कालरा और गगन दुग्गल ने एक महीने के भीतर चीन से 7000 कंसंट्रेटर इंपोर्ट किए हैं जिन्हें उसने भारत में ऊंचे दामों पर यह झूठ बोलकर बेचा कि इनमे जर्मन टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है। जांच में ये खुलासा हुआ कि ये सभी कंसंट्रेटर लो क्वॉलिटी के हैं और इन्हें चीन से महज 15 हजार रुपयों में खरीदकर 70 हजार रुपयों में बेचा गया था। सर्च के दौरान ED अधिकारियों ने कालरा के महरौली स्थित घर से करीब 150 से ज्यादा विदेशी शराब की बोतलें बरामद कीं। छापे के दौरान केस से जुड़े कई अहम दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस जब्त किए गए।
ED ने नवनीत कालरा और दुग्गल के मंडी रोड, महरौली स्थित घर, कालरा के तीनों रेस्टोरें जिनमे खान चाचा, नेगे जू और टाउन हॉल में रेड की। इसके अलावा दयाल ऑप्टिकल्स, खान मार्केट में भी रेड की गई। कालरा के बैंक लॉकर्स की भी तलाशी ली गई। बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय को आरोपी से पूछताछ और बयान रिकॉर्ड करने की शक्ति प्राप्त होती है और वह जांच के दौरान उनकी संपत्ति तक भी कुर्क कर सकता है। इसके बाद वह विशेष PMLA अदालत के समक्ष आरोपपत्र दायर कर सकता है और धनशोधन रोधी कानून के तहत अपना अभियोजन चलाने का अनुरोध कर सकता है।
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