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Sunday, May 23, 2021

मध्य प्रदेश : भोपाल - कोरोना कर्फ्यू का संयमित व्यवहार के साथ कड़ाई से पालन कराना सुनिश्चित करें:- डीजीपी जौहरी

 


भोपाल। पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी की अध्यक्षता में नवीन पुलिस मुख्यालय स्थित कॉफ्रेंस हॉल में प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण से पुलिस अधिकारियों- कर्मचारियों के बचाव और रोकथाम तथा अपराध ट्रेंड्स विषय पर वीडियो कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई। इस कॉफ्रेंसिंग में समस्त जोन अतिoपुलिस महानिदेशक / पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस महानिरीक्षक (विसबल), पुलिस उप महानिरीक्षक रेंज, पुलिस उप महानिरीक्षक (विसबल), पुलिस अधीक्षक तथा समस्त सेनानी सम्मिलित थे।
डीजीपी श्री जौहरी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस में उपस्थित सभी पुलिस अधिकारियों से विस्तृत चर्चा कर कोरोना की रोकथाम हेतु निर्देश दिए -
● जनता कर्फ्यू का पालन कराने के दौरान चैकिंग पाईंट पर पुलिस कर्मचारियों की आम जनता के साथ यदा-कदा विवाद की स्थिति निर्मित हो जाती है। इन परिस्थितियों से निपटने हेतु अपने अधीनस्थ कर्मचारियों को समय-समय पर संयमित व्यवहार करने की समझाईश देना सुनिश्चित करें।
● ड्यूटीरत पुलिस अधिकारी / कर्मचारी एन-95 मास्क का उपयोग करें। यदि एन-95 मास्क उपलब्ध नहीं है तो कपड़े के मास्क के अंदर सर्जिकल मास्क लगाकर उपयोग किया जाए। साथ ही ड्यूटी पाईंट पर फेस शील्ड लगाना अनिवार्य करें।
● पुलिस बल को कोरोना संक्रमण से बचाने की जिम्मेदारी पुलिस कमाण्डर की है। इस संबंध में अपने अधीनस्थ पुलिस अधिकारियों को निर्देशित करें कि वह प्रत्येक दिन गणना के समय कोरोना से बचाव हेतु शासन एवं पुलिस मुख्यालय द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों का पालन कराने हेतु समझाईश दें। साथ ही इस पर सतत निगाह रखें कि कोरोना संक्रमण बचाव के लिए जारी दिशा-निर्देशों का कितना पालन हो रहा है?
● यदि कोई कर्मचारी कोरोना से संक्रमित होने के उपरांत घर पर ही उपचार कराता है तो ऐसी दशा में नोडल अधिकारी समय-समय पर संकमित कर्मचारी या उसके परिवार से उसकी जानकारी प्राप्त करें। यदि उपचार सही तरीके से नहीं हो रहा है तो उसके उपचार कराने हेतु आवश्यक कार्यवाही करना सुनिश्चित करें।
● संक्रमित कर्मचारियों की संख्या अधिक होने पर पुलिस कमाण्डर स्वयं इसकी समीक्षा करें कि किस कारण से कर्मचारी अधिक संक्रमित हो रहे हैं। साथ ही उपचार करने वाले डॉक्टरों से बात कर जानकारी पुलिस मुख्यालय को भेजना सुनिश्चित करें।
● यदि कोई अधिकारी / कर्मचारी ऑक्सीजन सपोर्ट या आईसीयू वार्ड में भर्ती है, ऐसी स्थिति में इकाई प्रमुख प्रतिदिन डॉक्टर से चर्चा कर उक्त अधिकारी / कर्मचारी की जानकारी प्राप्त करें। साथ ही यदि किसी भी प्रकार की जरूरी दवाईयाँ या इंजेक्शन की आवश्यकता है तो उसे तुरंत उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
● कोविड से होने वाले मृत्यु का विश्लेषण कर यह जानने का प्रयास करें कि कहां चूक हुई है। साथ ही जो कर्मचारी स्वस्थ्य हो चुके उनसे चर्चा कर यह निष्कर्ष निकालने का प्रयास करें कि किस स्तर पर उक्त कर्मचारी को स्वस्थ्य करने का प्रयास किया गया है, जिससे आने वाले समय में हमें बीमारी से लड़ने में मदद मिलेगी।
● जो अधिकारी / कर्मचारी मेडिकल रूप से फिट है उन्हें टीका लगवाने हेतु प्रेरित कर शत प्रतिशत टीकाकरण कराया जाना सुनिश्चित करें।
● प्रतिदिन कोरोना संकमितों की वास्तविक स्थिति से अवगत कराने हेतु राज्य स्थिति कक्ष के पोर्टल पर अपडेट करना सुनिश्चित करें।
● किसी अधिकारी / कर्मचारी की कोरोना से संक्रमित होने की जानकारी प्राप्त होने पर यूनिट प्रभारी त्वरित उचित निर्णय लेकर उक्त कर्मचारी / अधिकारी का उपचार कराना सुनिश्चित करें। साथ ही यूनिट प्रभारी कोरोना बीमारी को दृष्टिगत रखते हुए अपनी अधीनस्थ अधिकारी / कर्मचारियों को रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाये रखने हेतु निरंतर योग एवं व्यायाम करने हेतु प्रेरित करें।
● पुलिस अधिकारी / कर्मचारी की कोरोना व अन्य किसी भी कारण से मृत्यु होने पर मृतक के परिवार को प्राप्त होने वाली अनुग्रह राशि एवं अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरण का शीघ्र निराकरण किया जाना सुनिश्चित करें। साथ ही अनुकंपा नियुक्ति के दौरान होने वाले मेडिकल एवं पुलिस वेरीफिकेशन कराने हेतु एक कर्मचारी को नियुक्त करें, जो आवश्यकता पड़ने पर आवेदक की सहायता कर सके।
● जमीन संबंधी विवाद व अन्य किसी भी कारण से उत्पन्न हुए विवाद पर, जिसमें आपसी वैमनस्यता बढ़ी हो, उन प्रकरणों की लगातार समीक्षा करे। साथ ही आवश्यकता पड़ने पर आरोपियों पर बाउंड ओवर की कार्यवाही करें, जिससे भविष्य में बड़ी घटना को घटित होने से रोका जा सके। इस संबंध में थाना प्रभारी को भी समय-समय पर समझाईश दी जावे।
● चोरी, लूट, डकैटी व अन्य किसी भी प्रकार के आपराधिक प्रकरणों पर आरोपियों का जल्द से जल्द पता लगाकर गिरफ्तार करना सुनिश्चित करें। आसूचना तंत्र को मजबूत कर टीम बनाकर कार्य करें। निगरानी शुदा बदमाशों पर नजर रखें एवं इलाके की लगातार पेट्रोलिंग कराना सुनिश्चित करें।
● महिला संबंधी गंभीर अपराध जैसे बलात्कार, छेड़छाड़ आदि मामलों में आपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करें, घटना के कारणों का विश्लेषण कर प्रकरण का शीघ्र निराकरण कराया जाना सुनिश्चित करें।
● चिन्हित अपराधों पर ट्रायल कराने से पहले अच्छी तरह से प्रकरण का अवलोकन करें तथा अविलंब निराकरण के लिए नोडल अधिकारी से समन्वय बनाये रखे। साथ ही अपने-अपने जिले में स्थाई वारंट गिरफ्तारी वारंट एवं जमानती वारंट की स्थिति का अवलोकन कर उनकी तामिली कराना सुनिश्चित करें।
● कोविड महामारी के दौरान दवाईयों व अन्य आवश्यक सामग्रियों की कालाबाजारी की रोकथाम हेतु आसूचना तंत्र को मजबूत कर कालाबाजारी करने वालों पर कार्यवाही करना सुनिश्चित करें।
● कोरोना संक्रमण बीमारी से पीड़ित ऐसे कर्मचारी जिन्हें उपचार के दौरान ऑक्सीजन सपोर्ट या आईसीयू में रखा गया था और वह स्वस्थ्य होकर घर आ गये हैं, उनकी सूची बनाकर उन पर सतत निगाह रखें, जिससे ब्लैक फंगस को रोकने में मदद मिलेगी। साथ ही जिन कर्मचारियों पर ब्लैक फंगस के लक्षण दिखाई दे रहे हैं उनकी जांच कराया जाना सुनिश्चित करें।

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