लखनऊ: पिछले साल कोरोना संक्रमण से दूर रहने वाले उत्तर प्रदेश के गांवों में इस साल संक्रमण अपनी पैठ बना रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर जांच कर रही है तो इससे मरीज सामने में आ रहे है। यहां सीएचसी टीम के अलावा आशा वर्कर भी एंटीजन टेस्ट कर रही हैं। लोगों को जो किट दी जा रही है उससे लोगों की चिंता कम हो रही है। लखनऊ के बीकेटी स्थित बिकामऊ खुर्द के उमेश बताते हैं '' मैंने ग्राम प्रधान के चुनाव में वोट नहीं दिया, क्योंकि मैं पॉजिटिव था। इसके लिए मैंने खुद को 14 दिन घर पर आइसोलेशन में रखा और स्वास्थ्य विभाग की तरफ से दी गई दवाईयों को लिया। डॉक्टर साहब और आशा वर्कर खुद सुबह शाम फोन करके हालचाल ले रहे थे। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने घर आकर मेरा चार बार टेस्ट किया, लेकिन पांचवें टेस्ट में जाकर मेरी रिपोर्ट निगेटिव आई है। ''
उमेश बताते हैं कि बीते दिनों जब पूर्व मंत्री भगवती सिंह का निधन हुआ तो वो उनके अंतिम संस्कार में गए थे। जिसके बाद उन्हें कोरोना के शुरूआती लक्षण दिखने लगे थे। लक्षण दिखने के बाद उन्होंने अपने सीएचसी में संपर्क किया और डॉक्टर की टीम उनके घर पहुंच गई। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उनका टेस्ट किया और रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उनके संपर्क में आए हर व्यक्ति का टेस्ट कर उन्हें मेडिकल किट मुहैया कराई। उन्होंने बताया कि मेडिकल किट में दवाई की सूची भी थी। जिससे उन्हें काफी मदद मिली। उमेश ने स्वास्थ्य विभाग की तरफ से चलाए गए घर-घर टेस्टिंग के अभियान की तारीफ की और कहा कि यह सरकार का सराहनीय कदम है।
इसी गांव के ही संजय कुमार सिंह ने बताया कि उनके परिवार में कुल 4 लोग पॉजिटिव थे। लेकिन सही समय पर जांच और दवाईयों की उपलब्धता के कारण आज उनका परिवार स्वस्थ्य है। उन्होंने बताया कि गांव में टीम लगातार लक्षण युक्त लोगों की टेस्टिंग और ट्रेसिंग का निरंतर कार्य कर रही है। आशा वर्करों और एएनएम की मदद से घर-घर जाकर मरीजों को मेडिकल किट और उनकी जांच कराई जा रही है। सरकार का यह अभियान गांवों में बढ़ते कोरोना संक्रमण को रोकने में काफी सफल होगा।
प्रदेश भर में 5 मई से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गांवों को संक्रमण से बचाने के लिए टेस्टिंग का अभियान शुरू करने का निर्देश दिया था। जिसके बाद प्रदेश के सभी गांवों स्वास्थ्य विभाग की टीम घर घर जाकर लक्षणयुक्त लोगों की जांच करेगी और उन्हें मेडिकल किट मुहैया कराएगी। यही नहीं जांच में पॉजिटिव आने पर आशा वर्करों और एएनएम की मदद से ट्रेक्रिंग कर अन्य लोगों की भी जांच की जाएगी।
गांव की आशावर्कर राजेश्वरी ने बताया कि वो रोजाना पूरे गांव में 50 घरों में जाकर एंटीजन टेस्ट कराती है। इसके बाद पॉजिटिव आने पर मरीजों को होम आइसोलेशन में रहने के प्रोटोकॉल से अवगत कराकर उन्हें मेडिकल किट भी देती है। यही नहीं गंभीर मरीजों की रिपोर्ट बनाकर सीएचसी अधीक्षक को देती है ताकि उन्हें जरुरत के हिसाब से अस्पताल में भर्ती कराया जा सके।
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