उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर निर्माण का कार्य 24 घंटे चल रहा है। 12–12 घंटे की दो शिफ्ट में कार्य हो रहा है। लगभग 1 लाख 20 हजार घन मीटर मलबा अब तक निकाला गया है। एक फीट मोटी लेयर बिछाकर रोलर से कौंपैक्ट करने में 4 से 5 दिन लग रहे हैं। अक्टूबर माह तक यह काम पूरा होने करने का लक्ष्य रखा गया है। मंदिर निर्माण में लगे सभी मजदूर और इंजीनियर स्वस्थ हैं। परकोटा सीधा करने के लिए जितनी जमीन की आवश्यकता थी वह काम हो चुका है। पश्चिम के परकोटे का कोना ठीक होना बाकी है।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने सोमवार को अपने ट्वीट में कहा कि 'श्री रामजन्मभूमि परिसर में नींव के लिए लगातार चली खुदाई के बाद विशेषज्ञों की सलाह से यह निर्णय किया गया कि नींव भराई का कार्य Roller Compacted Concrete तकनीक से किया जाएगा। लगभग 1,20,000 स्क्वायर फ़ीट क्षेत्र में अभी 4 परत बिछाई जा चुकी हैं। कुल 40-45 ऐसी ही परत बिछाई जाएंगी।'
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि 400 फीट लंबा, 300 फीट चौड़ा और 50 फीट गहरे क्षेत्र से लगभग 120000 घन मीटर मलबा हटाया गया था जिसको भरा जा रहा है। चंपत राय ने बताया कि मंदिर निर्माण को लेकर वास्तु दोष खत्म करने के लिए मंदिर के परकोटे को सीधा करने के लिए जमीन की आवश्यकता थी जो फकीरे राम और कौशल्या भवन को लिए जाने के बाद लगभग पूरी हो गई है, अभी पश्चिम तरफ परकोटे के कोने को सीधा किया जाना बाकी है। कोरोना का साया मंदिर निर्माण की प्रक्रिया पर नहीं पड़ा है। ट्रस्ट के महासचिव ने कहा कि मजदूर भगवान का काम कर रहे हैं और इसी वजह से सभी सुरक्षित हैं।
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