झारखंड: रांची में लाश से भरी एंबुलेंस की लगी कतार, अंतिम संस्कार के लिए कम पड़ गई लकड़ियां
झारखंड में कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। लगातार पॉजिटिव केस में इजाफा हो रहा, साथ ही मरने वालों का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ रहा है। हालात ये हो गए हैं दाह संस्कार के लिए मुक्ति धाम पहुंचे लोगों को घंटों इंतजार करना पड़ रहा है। सोमवार को रांची के मुक्तिधाम में शव लेकर पहुंची एंबुलेंस की कतार लग गई। हालात ऐसे हो गए कि अंत्येष्टि के लिए लकड़ी भी कम पड़ गयी।
शाम 5 बजे तक 38 शवों का हुआ दाह संस्कार
काफी इंतजार के बाद लोगों का सब्र जवाब देने लगा, जिसके चलते उन्होंने सड़क जाम भी किया। हालांकि, तुरंत ही जिला प्रशासन की ओर से लकड़ी की व्यवस्था की गई, जिसके बाद शाम पांच बजे तक 38 शवों की अंत्येष्टि हुई। रांची के डोरंडा स्थित घाघरा मुक्तिधाम में कोरोना संक्रमण और दूसरी बीमारियों से मरने वालों के शव को लेकर अंतिम संस्कार के लिए गए लोगों को सुबह सात बजे से लकड़ी की कमी की वजह से इंतजार करना पड़ा।
लकड़ी कम पड़ने की वजह से अंतिम संस्कार में हुई देरी
बताया गया कि शव के अंतिम संस्कार के लिए नगर निगम को लकड़ी का इंतजाम करना है। रविवार देर रात तक वहां अंतिम संस्कार होता रहा जिससे वहां लकड़ी खत्म हो गई। सोमवार अहले सुबह से ढाई बजे तक इंतजार करने वालों का सब्र का बांध टूट गया और उसके बाद सभी लोग शव लदे एम्बुलेंस के साथ डोरंडा नामकुम सड़क को जाम कर दिया। जानकारी के मुताबिक सुबह से तीन बजे तक घाघरा शमशान घाट में कुल 32 एम्बुलेंस शव के साथ खड़ी थी। बाद में मामले की जानकारी मिलने पर डोरंडा थाना पुलिस भी मौके पर पहुंच कर लोगों को समझाकर रास्ते को खाली करवाया।
लोगों ने किया प्रदर्शन तो जागा प्रशासन
बताया गया है कि रांची के हरमू स्थित मोक्षधाम में अंतिम संस्कार की मशीन खराब होने के बाद सभी शवों को अंत्येष्टि के लिए घाघरा ले गया था। लेकिन वहां लकड़कियां ही कम पड़ गई। फिर मौके पर पहुंचे एसडीओ उत्कर्ष गुप्ता ने कहा कि सभी शवों का अंतिम संस्कार 24 घंटे के भीतर होगा। पूरा प्रशासन इस बात के लिए अलर्ट है। उन्होंने बताया कि वे खुद घाघरा घाट की व्यवस्था पर नजर रखे हुए हैं और वहां कोई पेंडेंसी नहीं है। रविवार को भी शहर के पांच श्मशान घाट और दो कब्रिस्तानों में 116 शवों का अंतिम संस्कार हुआ था।
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