जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट में एक प्राइवेट पुलिस और प्राइवेट न्यायालय सरकारी संस्था के समकक्ष कार्य कर रहा है। शहर में कुछ ऐसे अपराध होते हैं, जिनकी शिकायत इन अपराध से पीड़ित व्यक्ति चाह कर भी पुलिस से नहीं कर पाता, क्योंकि वह खुद काले धंधे से जुड़ा होता है। जी हां, एक ऐसा साइबर अपराध जिसकी शिकायत पुलिस में नहीं होती। क्योंकि सब कुछ काला है।
अगर आपके बैंक खाते से कोई साइबर अपराधी पैसे उड़ा ले तो आप पुलिस की साइबर क्राइम ब्रांच में जाकर शिकायत करेंगे । आपकी शिकायत पर पुलिस काम करेगी। लेकिन कोई व्यक्ति काले धंधे से जुड़ा हो और उसका अवैध तरीके से कमाया पैसा कोई उड़ा ले तो वह शिकायत किसके पास करें ?
शहर में पनपी ऐसी एजेंसियां
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि शहर में कुछ ऐसी एजेंसीज भी पनप चुकी है जो इस प्रकार के मामले में साम, दाम, दंड, भेद किसी भी तरीके निपटारा करने में सक्षम है। इसके बाबत एक बड़ी राशि पीड़ित व्यक्ति से वसूल भी करती है।
व्यापार गली-गली पनपा
आईडी बनाकर होता है सारा काला धंधा
इस धंधे में केनर बने बड़ी समस्या
क्रिकेट और गुब्बे के ऑनलाइन संचालित होने वाले इस व्यवसाय में साइबर अपराधी जिसे केनर नाम से जाना जाता है, वह एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आए हैं। दरअसल यह केनर सटोरियों तथा फंटरो की आईडी को हैक कर उसमें से लाखों रुपए पार कर लेते हैं। लेकिन इस साइबर क्राइम की शिकायत गुब्बेड़ी सटोरिए और फंटर पुलिस के सामने पेश नहीं कर सकते। क्योंकि सब कुछ काला जो है।
पुलिस की जगह यह वसूली भाई करते है ऐसे मामलों का निस्तारण
सटोरियों की इस मुसीबत का समाधान वसूली भाई करते हैं। अधिकांश वसूली भाई बदमाश प्रवृत्ति के हथियारबंद लोग होते हैं। जो ऐसे केनरो को उठा लेते हैं और उनको डरा धमका कर पैसे की वसूली करते है। कभी-कभी तो वे थर्ड डिग्री तक इस्तेमाल करने से नहीं चूकते।
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