छत्तीसगढ़ के कोरबा की रहने वाली 22 साल की सबूरी यादव बेहद ख़ुश हैं.
वो कहती हैं, "लोग किसी भी मौक़े पर चिढ़ाते हैं, छेड़ते हैं, अपशब्द कहते हैं लेकिन किसी पुलिस वाले के बग़ल से गुज़रते ही माहौल बदल जाता है. मुझे लगता था कि पुलिस की वर्दी ही इस अपमान से मुझे मुक्ति दिला सकती है. अब वह समय आ गया है."
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