गुजरात में 'भूत' और 13 साल के बच्चे कर रहे मनरेगा में मजदूरी, सामने आए हैरान कर देने वाले कई मामले
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, 2005 (मनरेगा) से जुड़े घोटाले का एक ताजा उदाहरण गुजरात में सामने आया है। छोटा उदेपुर जिले के बोडेली तहसील में चौंकाने वाली बात सामने आई है। यहां एक ऐसे व्यक्ति को जॉब कार्ड जारी कर भुगतान करने का मामला सामने आया है, जिसकी मौत 4 साल पहले हो चुकी है।
स्थानीय विधायक मोहन सिंह राठवा इस घोटाले को गुजरात राज्य विधानसभा के सामने लाए और उसे गुजरात के कृषि मंत्री ने स्वीकार किया है। मनरेगा योजना के तहत भुगतान से जुड़े घोटाले राज्य में लगातार सामने आ रहे हैं।
कई चौंकाने वाले मामले आए सामने
बजट सत्र के प्रश्नकाल के दौरान मंगलवार को मोहनसिंह राठवा ने अपने निर्वाचन क्षेत्र छोटा उदेपुर में हुईं कई अनियमितताओं का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि मनरेगा के रेकॉर्ड में कई ऐसे लोगों को भुगतान किए जाने का उल्लेख है, जो नाबालिग हैं या जो सरकारी क्षेत्र में काम कर रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने सदन में एक अनूठा मामला भी बताया।
स्कूल टीचर को दी गई मनरेगा मजदूरी
विधायक ने कहा, 'बोडेली में ऐसे व्यक्ति को भुगतान किया गया था, जिसकी 4 साल पहले मौत हो चुकी है। वहीं एक अन्य मामले में प्राथमिक स्कूल के शिक्षक मालसिंह रथावा को इस योजना के तहत 1,120 रुपये भुगतान किया गया। यानि कि इस योजना के लाभार्थी भूत हैं।'
13 से 15 साल के बच्चों को मिला मनरेगा में काम
राज्य विधानसभा के सबसे वरिष्ठ विधायक ने कहा, 'योजना में इस स्तर का घोटाला हुआ है कि 13 और 15 साल के बच्चों को भी लाभार्थियों के रूप में दिखाया गया है और उनके खातों में 1,120 रुपये जमा किए गए हैं।'
मंत्री ने कहा- कई पर हुई कार्रवाई
इस मसले के जवाब में कृषि, ग्रामीण विकास और परिवहन मंत्री आरसी फालदू ने आरोपों और अनियमितताओं को स्वीकार करते हुए कहा, 'हमें भी भुगतान में कुछ अनियमितताएं मिली हैं और 2020 में इस पर कार्रवाई की गई है। कुछ कर्मचारियों को बर्खास्त भी किया गया है।'
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Shashi Mishra
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