उत्तर प्रदेश: मैनपुरी-जन-धन खातों से उड़ा लेता था रुपये, शिकायत हुई तो पकड़ा
जन-धन खातों से धोखाधड़ी करके धनराशि उड़ाई जा रही थी। इस धोखाधड़ी का पता चला तो खाताधारकों में हड़कंप मच गया। करहल क्षेत्र के विभिन्न गांव से जुड़े 21 खाताधारकों ने एसपी को मामले की जानकारी दी। बताया कि प्रधानमंत्री जन-धन योजना के तहत खोले गए बैंक खातों में सरकार से मिलने वाली धनराशि और सब्सिडी को धोखाधड़ी कर निकाला जा रहा है। नौ फरवरी को हुई इस शिकायत पर एसपी ने गंभीरता दिखाई और करहल पुलिस को निर्देशित कर अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा लिया। साइबर सेल और करहल पुलिस की दो टीमें घटना का खुलासा करने के लिए लगाई गई। गुरुवार को पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया।
करहल क्षेत्र के ग्रामीणों की शिकायत के बाद साइबर सेल मैनपुरी और करहल थाना प्रभारी शिवकुमार सिंह चौहान की टीम मामले की जांच में जुट गई। जांच के बाद पता चला कि सभी खातों से जो धनराशि ट्रांसफर की गई है वह कुसमरा स्थित ग्राहक सेवा केंद्र से ट्रांसफर हुई है। केंद्र संचालक ने धोखाधड़ी करके 21 जन-धन खातों से धनराशि अपने खाते में ट्रांसफर की। ग्राहक सेवा केंद्र के संचालक शैलेंद्र कुमार यादव पुत्र रूपसिंह यादव निवासी गढ़िया छिनकौरा थाना बेवर का नाम सामने आया तो पुलिस उसकी तलाश में जुट गई। जांच में पता चला कि शैलेंद्र ने अब तक विभिन्न खातों से लगभग पांच लाख रुपये जालसाजी कर निकाले हैं। जब आरोपी को पुलिस जांच का पता चला तो वह घबरा गया और उसने कुछ खाताधारकों से बात कर उनके खातों में 1.70 लाख रुपये वापस भी कर दिए।
कब्जे से लैपटॉप, मोबाइल हुआ बरामद
मैनपुरी। एसपी अविनाश पांडेय ने बताया कि धोखाधड़ी करने वाले आरोपी की गिरफ्तारी के लिए एएसपी मधुवन कुमार, सीओ करहल अशोक कुमार से भी मॉनीटरिंग कराई गई। गुरुवार को करहल पुलिस ने आरोपी शैलेंद्र को गिरफ्तार कर लिया। थाने लाकर उससे पूछताछ की गई तो उसने अपने अपराध का इकबाल कर लिया। आरोपी के कब्जे से एक लैपटॉप, एक मोबाइल भी बरामद हुआ। आरोपी ने अपने साथियों के नाम विपिन यादव पुत्र श्रवण सिंह, शरद पुत्र विनोद यादव निवासीगण दूबर थाना किशनी के नाम बताए। 21 लोगों के रुपये भी वापस करवाए गए हैं।
अपने अंगूठे का करता था इस्तेमाल
मैनपुरी। पुलिस सामने आए इन दो अन्य आरोपियों की तलाश में जुट गई है। पकड़े गए आरोपी को जेल भेज दिया है। थाना प्रभारी शिवकुमार चौहान ने बताया कि आरोपी खाताधारकों के खाता खोलते समय उनके अंगूठे नहीं लगवाता था बल्कि अपने और अपने साथियों के अंगूठे रखवाता था। धनराशि ट्रांसफर करते समय पॉश मशीन में अपने अंगूठे लगाकर धनराशि ट्रांसफर करवा लेता था। एडीजी ने इस सफलता पर पुलिस टीम को 5 हजार रुपये का पुरस्कार दिया है।
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