उत्तर प्रदेश के ज़िला इटावा से काट कर एक ज़िला औरैया हो गया है
उत्तर प्रदेश के ज़िला इटावा से काट कर एक ज़िला औरैया, हो गया है, उसी जिले में एक कस्बा फ़फूंद शरीफ़ के नाम से जाना- जाता है, उस कस्बे में सूफ़ी संत बुज़ुर्ग- हुज़ूर हाफिज़ ए बुखारी ख़्वाजा अब्दुस समद मोदूदी चिश्ती साहब, (रहमतुल्लाह अलैह) का आस्ताना (स्थान) है, जो आस्ताना चिश्तया- समदया, के नाम से पूरे संसार में जाना जाता है!
आस्ताना चिश्तया-समदया, एक- ऐसा बाबरकत, आस्ताना है, जो कि इस पुरफ़ितन दौर में इंसानियत भाईचारा और मोहब्बत का ऐसा पैग़ाम देता है, कि इस आस्ताने से वाबस्ता( मुरीद) होना मेरे लिए बाइसे फ़ख़्र की बात है।
जहां सारे संसार में आज इस दौर में हर तरफ़ नफ़रत के बादल छाए हुए हैं, वहीं आस्ताना चिश्तया-समदया, फ़फूंद शरीफ़, अपने अस्लाफ़ ( बुजुर्गों )की क़दीमी (पुरानी) रिवायात पर मज़बूती से क़ायम रह कर, उर्स के मौके पर मेहमानों को लंगर खिलाने से पहले फ़फूंद कस्बे में ग़रीबों को घर-घर जाकर लंगर पहले तक्सीम (बट्ता) होता है, उसके बाद आस्ताने समदिया के ग्राउंड में मेहमानों को लंगर खिलाया जाता है,
यह कोई सुनी सुनाई या मनगढ़ंत बात नहीं है, हकीकत है, इस काम की ज़िम्मेदारी तक़रीबन-पच्चीस- साल,से मैं खिदमत अंजाम दे रहा हूं!
हज़रत अल्लामा सैय्यद अज़हर मियां चिश्ती साहब किब्ला, की करम नवाज़ी है,
जो मुझसे खिदमत ले रहे हैं!
जिसे चाहा अपना बना लिया,
जिसे चाहा दर पर बुला लिया,
यह करम के हैं फैसले बड़े नसीब की बात है !!
और .आस्ताना चिश्तया-समदया, की एक सुंदर बात है, पैग़ंबरे इस्लाम ﷺ के दिए हुए पैग़ाम ( संदेश) का भरपूर अमल करते हैं !!
अपना किरदारो अमल बना लीजिए,
फिर हर शख़्स कहेगा मुसलमान यही है !!
आस्ताने चिश्तया-समदया, के साहब ज़ाद गान, को देखकर लगेगा हां यही मुसलमान हैं,
गंगा जामुनी तहज़ीब की एक ऐसी नायाब मिसाल पेश कर्ते हैं , जो रहती दुनिया तक लोग याद करेंगे।
पैग़ंम्बरे इस्लाम ﷺ की विलादत (जन्म)
20/ अप्रैल- 571/ (ईसवी) को (हुआ) इस दुनिया ( संसार ) में तशरीफ़ लाए थे।
पैग़ंम्बरे इस्लाम ( ﷺ ) के विलादत ( जन्मदिन ) के मौके पर- 20/ अप्रैल को जामिया- समदिया, फफूंद शरीफ़ , में दो रोज़ा (यानी दो दिन) का जश्न मनाया जाता है, जिसमें एक दिन मादरे वतन प्यारे हिंदुस्तान में रहने वाले हिंदू भाइयों का प्रोग्राम होता है, जिसमें सनातन धर्म के ज्ञानी धर्म गुरु आते हैं, (पधारते हैं)
दूसरे दिन इस्लाम धर्म के ज्ञानी धर्म गुरु आते हैं, उस जन्मदिन के मौके पर दौ दिन, का तारीख़ी, प्रोग्राम होता है। जामिया - समदिया, फ़फूंद शरीफ़, के मैनेज़र हज़रत अल्लामा सय्यद गुलाम अब्दुस्समद मियां चिश्ती साहब, काज़ी ए शहर, ज़िला, औरैया (उत्तर प्रदेश) की देखरेख में जामिया- समदिया अपनी तरक्कियों की तरफ़ रवां-दवां है!
एक बात में और कहता चलूं आस्ताना चिश्तया-समदया, फ़फूंद शरीफ़, का एक पैग़ाम (संदेश) है, उस पर खुद अमल (पालन) करते हैं, और अपने मुरीद (चेलों) को भी हुक़म (आदेश ) देते हैं,
किसी भी धर्म के मानने वालों का अपमान ना करो, उनका सम्मान करो,
और अखबार में लिखा हुआ पढ़कर बर्ताव ना करें , कुरआन को पढ़कर ही बर्ताव करें,
उसी आस्ताने का दुखद समाचार,-119/वां- उर्स हाफिज़ ए बुखारी-30- 31- 01- 2021/ को कोविंड-19/ के कारण स्थगित कर दिया गया है।
हज़रत अल्लामा सैय्यद अख़्तर मियां चिश्ती साहब क़िब्ला, सज्जादानशीन असताना अलिया चिश्तया-समदया, फ़फूंद शरीफ, जिला, औरैया (उत्तर प्रदेश)
की घोषणा-:
सूफी संत बुज़ुर्ग- हुज़ूर हाफ़िज़ ए बुखारी ख़्वाजा अब्दुस्समद मोदूदी चिश्ती (रहमतुल्लाह अलैह ) का उर्स- स्थगित कर दिया है !?
एजाज़ खान चिश्ती, नगर अध्यक्ष भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा, कालपी, ज़िला, जालौन (उत्तर प्रदेश)
No comments:
Post a Comment