कैसी है देश की पहली ड्राइवरलेस मेट्रो, जानिए- तकनीक कैसे लेगी चालक की जगह
देश की पहली ड्राइवरलेस ट्रेन दिल्ली मेट्रो के मजेंटा लाइन और पिंक लाइन पर चलाई जानी हैं. पहले चरण में ड्राइवरलेस
ट्रेन मजेंटा लाइन पर जनकपुरी पश्चिम से नोएडा के बॉटनिकल गार्डन मेट्रो स्टेशन के बीच दौड़ेगी.
देश की पहली ड्राइवरलेस मेट्रो को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को हरी झंडी दिखाकर रवाना कर दिया.
देश की पहली ड्राइवरलेस ट्रेन दिल्ली मेट्रो के मजेंटा लाइन और पिंक लाइन पर चलाई जानी है. पहले चरण में
ड्राइवरलेस ट्रेन मजेंटा लाइन पर जनकपुरी पश्चिम से नोएडा के बॉटनिकल गार्डन मेट्रो स्टेशन के बीच दौड़ेगी.
इसके बाद साल 2021 में पिंक लाइन में 57 किलोमीटर तक ड्राइवरलेस मेट्रो चलाने की योजना है, जो मजलिस
पार्क से शिव विहार तक की दूरी तय करेगी. ड्राइवरलेस ट्रेन में 2,280 यात्री एक बार में सफर कर सकते हैं. इसमें
हर कोच में 380 यात्री सवार हो सकते हैं. दिल्ली मेट्रो ने पहली बार सितंबर 2017 को इसका ट्रायल शुरू किया था.
ड्राइवरलेस मेट्रो ट्रेन के फायदे
- मेट्रो की स्पीड बढ़ेगी, सफर का समय घटेगा
दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) के मुताबिक, ड्राइवरलेस मेट्रो ट्रेन एक जैसी रफ्तार से चल पाएगी. इनकी
टॉप स्पीड 95 किलोमीटर प्रति घंटा होगी और ये पटरी पर 85 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलेंगी. DMRC के
मुताबिक, ये ट्रेन कम पावर पर खाएंगी.
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