कोरोना वैक्सीन लगवाना हलाल है या हराम? टीकाकरण पर छिड़ी बहस
दुनियाभर में वैक्सीन की चर्चा के बीच अब ब्रिटेन और अमेरिका जैसे देशों में टीकाकरण शुरू हो गया है. इसी बीच कोरोना वैक्सीन को लेकर हलाल जैसी बहस छिड़ गई है. कुछ धार्मिक समूह प्रतिबंधित सुअर के मांस से बने वैक्सीन से संबंधित उत्पादों को लेकर सवाल उठा रहे हैं, जिसके चलते टीकाकरण अभियान के बाधित होने की आशंका जताई जा रही है
पीटीआई ने रिपोर्ट्स के हवाले से बताया है कि वैक्सीन के भंडारण के दौरान उनकी सुरक्षा और प्रभाव बनाए रखने के लिए सुअर के मांस (पोर्क) से बने जिलेटिन का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जा रहा है. हालांकि कुछ कंपनियां सुअर के मांस के बिना टीका विकसित करने पर कई साल तक काम कर चुकी हैं
उधर फाइजर, मॉडर्ना और एस्ट्राजेनेका की तरफ से इस मुद्दे पर आधिकारिक बयान भी दिया गया है. उनके प्रवक्ताओं ने बताया है कि उनके कोरोना वैक्सीन में सुअर के मांस से बने उत्पादों का इस्तेमाल नहीं किया गया है. हालांकि अन्य कई कंपनियां ऐसी हैं जिन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया है कि उनके टीकों में सुअर के मांस से बने उत्पादों का इस्तेमाल किया गया है या नहीं.
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