2000 रुपये खाते में आने पर बोले किसान- मोदी ही कर रहे हमारे आंदोलन की फंडिंग
पीएम किसान सम्मान योजना के अंतर्गत देशभर के किसानों के बीच 18000 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं. हर किसान के खाते में 2000 रुपये भेजे गए हैं. इसका फायदा पंजाब के किसानों को भी हुआ है और उनके खाते में भी 2000 रु भेजे गए हैं. अब यह सोचकर आपको हैरत होगी कि पंजाब के किसानों ने मोदी सरकार द्वारा भेजे गए पैसों का लेकर क्या कहा है.
केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ एक तरफ जहां बड़ी संख्या में किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं. वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के किसान सम्मान योजना की राशि पंजाब के किसानों को भी मिली है.
बैंक अकाउंट में पैसे आने के बाद पंजाब के किसानों ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आंदोलन करने के लिए ही पैसा भेजा है. किसानों के आंदोलन की फंडिंग को लेकर सत्ताधारी पार्टी के कई नेता सवाल उठा चुके हैं. किसानों के इस बयान को इसी के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है.
पंजाब के किसानों का कहना है कि प्रधानमंत्री ने यह पैसा आंदोलन कर रहे किसानों की मदद के लिए भेजा है. पंजाब के सियालका गांव में रहने वाले कई किसानों के खाते में 2000 रु आए हैं.
किसानों का कहना है कि सरकार हमारे आंदोलन पर सवाल उठाते हुए पूछ रही है कि उनके आंदोलन की फंडिंग कौन कर रहा है. सियालका गांव के रहने वाले बलविंदर सिंह का कहना है कि मोदी सरकार के खिलाफ हमारे आंदोलन की फंडिंग खुद मोदी सरकार कर रही है. बलविंदर सिंह का कहना है कि जो पैसा मोदी सरकार ने हमारे खाते में दिया है वह पैसा हम आंदोलन के लिए दान कर देंगे.
सियालका गांव के रहने वाले दूसरे किसान जसपाल सिंह ने कहा, "जो लोग आंदोलन की फंडिंग पर सवाल उठा रहे हैं उन्हें हम यह कहना चाहते हैं कि पंजाब के किसान घर-घर गांव-गांव जाकर लोगों से इस आंदोलन के लिए समर्थन मांग रहे हैं और लोग अपनी इच्छाशक्ति से 50 रु से लेकर 5000 रु तक दान कर रहे हैं जिससे हम जरूरत का सामान खरीद कर दिल्ली में आंदोलन कर रहे किसानों की मदद के लिए भेज रहे हैं.
जसपाल सिंह कहते हैं कि मोदी सरकार ने हमारे खाते में 2000 रु भेजे हैं और अब यह पैसा भी हम आंदोलन के लिए भेज देंगे, हमारी लड़ाई सरकार से है हम उसका दिया 1 रुपये भी इस्तेमाल नहीं करेंगे.
इसी गांव में रहने वाले किसान और रिटायर्ड फौजी सूबेदार अर्शपाल सिंह का कहना है, "हम खुशी से आंदोलन पर नहीं बैठे हैं. यह कानून किसानों के खिलाफ है इसलिए इसके खिलाफ हम तन मन धन से लड़ रहे हैं. मेरे खाते में भी 2000 रु आए हैं और मैंने भी पैसे आंदोलन के लिए दान कर दिए. इसके अलावा भी मेरे पास जो भी है वह अपने भाइयों को दे दूंगा."
अमृतसर के आसपास सियालका जैसे ऐसे कई गांव हैं जहां किसान घर-घर जाकर चंदा जमा कर रहे हैं और जरूरत का सामान इकट्ठा कर रहे हैं. फिर इन सामानों को ट्रैक्टर ट्राली में भरकर दिल्ली की ओर रवाना कर रहे हैं जहां बड़ी संख्या में किसान आंदोलन पर बैठे हैं. अब प्रधानमंत्री सम्मान निधि से जो पैसा पंजाब के किसानों को भेजा गया वह पैसा भी किसान आंदोलन के लिए भेजा जा रहा है.
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